
पटना, 20 जुलाई 2023(गूगल इंडिया): बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि बिहार शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों को प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
Bihar Shikshak Bharti
Bihar Shikshak Bharti: बिहार सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश गलत है और यह बिहार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करेगा। सरकार ने कहा है कि बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों के पास प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए आवश्यक योग्यता है।
हाईकोर्ट ने 12 जुलाई को अपने आदेश में कहा था कि बिहार शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों को प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा था कि प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए बीएसटीसी डिग्रीधारी उम्मीदवार ही पात्र होंगे।
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश गलत है क्योंकि यह राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों का उल्लंघन करता है। एनसीटीई के नियमों के अनुसार, प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवार भी पात्र हैं।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द सुनवाई करेगा।
आसान भाषा में समझा जाए तो:
बिहार सरकार ने बिहार शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों को शामिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सरकार का कहना है कि हाईकोर्ट का आदेश गलत है और यह बिहार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करेगा।
बिहार में शिक्षकों की बड़ी संख्या में कमी है। सरकार ने 170,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती के लिए एक बड़ी भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इस भर्ती में बीएसटीसी और बीएड डिग्रीधारी दोनों उम्मीदवारों को आवेदन करने की अनुमति दी गई थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए बीएसटीसी डिग्रीधारी उम्मीदवार ही पात्र होंगे। कोर्ट ने कहा था कि बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों के पास प्राथमिक शिक्षक के लिए आवश्यक योग्यता नहीं है।
बिहार सरकार इस आदेश से नाराज है। सरकार का कहना है कि बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों के पास प्राथमिक शिक्षक के लिए आवश्यक योग्यता है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की है।