General Insurance Companies: वित्त मंत्रालय घाटे में चल रहीं सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों में चालू वित्त वर्ष में 3,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालने की योजना पर काम कर रहा है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में भी तीन साधारण बीमा कंपनियों में 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सर्वाधिक 3,700 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 1,200 करोड़ रुपये और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 100 करोड़ रुपये मिले थे.
वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने इन कंपनियों को अपना ऋणशोधन अनुपात बेहतर करने और 150 प्रतिशत की नियामकीय शर्त पूरा करने को कहा है. ऋणशोधन अनुपात पूंजीगत पर्याप्तता को मापने का पैमाना है. यह अनुपात अधिक होने से किसी संस्थान की बेहतर वित्तीय स्थिति का संकेत मिलता है, जिसमें वह दावों का भुगतान करने की स्थिति में होती है.
कितनी रहेगी हिस्सेदारी?
हालांकि न्यू इंडिया एश्योरेंस को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य साधारण बीमा कंपनियों का ऋणशोधन अनुपात 150 प्रतिशत की नियामकीय शर्त से काफी कम रही है. वित्त वर्ष 2021-22 में नेशनल इंश्योरेंस का ऋणशोधन अनुपात 63 प्रतिशत, ओरिएंटल इंश्योरेंस का 15 प्रतिशत और यूनाइटेड इंडिया का 51 प्रतिशत था. सूत्रों ने कहा कि इन सभी बीमा कंपनियों को लाभप्रद वृद्धि की राह पर चलने के लिए कहा गया था. उनके प्रदर्शन पर ही निर्भर करेगा कि सरकार से मिलने वाली अतिरिक्त पूंजी में उनकी हिस्सेदारी कितनी होगी.
2,500 करोड़ रुपये की लगाई पूंजी
इसके पहले वर्ष 2019-20 में भी सरकार ने इन साधारण बीमा कंपनियों में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई थी. फिर वर्ष 2020-21 में भी सरकार ने इन कंपनियों में 9,950 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी.