IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा वर्ष 2022 की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों के युवाओं ने अपनी सफलता की कहानी लिखी है. इन्हीं युवाओं में शामिल हैं दिव्या तंवर, जिन्होंने मुश्किलों की बेड़ियों को तोड़ सफलता के शिखर तक का सफर पूरा किया है। वह अपने पहले प्रयास में आईपीएस बनने में सफल रहीं, जबकि दूसरे प्रयास में वह आईएएस बनीं। खास बात यह है कि उन्होंने इसके लिए कोचिंग नहीं ली।
IAS Success Story Divya Tanwar
IAS Success Story: देश में तरह-तरह की सरकारी सेवाएं हैं, हालांकि जब भी प्रतिष्ठित सरकारी सेवाओं की बात आती है तो यूपीएससी सिविल सर्विसेज सबसे पहले आती है. यही वजह है कि हर साल देश में लाखों युवा इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं और कुछ परिस्थितियों में घर-परिवार छोड़कर इस परीक्षा की तैयारी करते हैं। हालांकि, कड़ी मेहनत के बाद भी इसमें सफलता सुनिश्चित नहीं है। क्योंकि, इस परीक्षा में कड़ी मेहनत के साथ-साथ दृढ़ता और नियमितता की भी आवश्यकता होती है। हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे जारी किए गए हैं। इन नतीजों की मिट्टी में देश भर के युवाओं ने सफलता का परचम लहराया है। साथ ही उनके संघर्ष के किस्से भी युवाओं को सुनने को मिल रहे हैं। इनमें हरियाणा की रहने वाली दिव्या तंवर भी शामिल हैं, जो पिछले दो साल से सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। दिव्या ने दो बार मुश्किलों को मात देकर सिविल सर्विस पास की है। वह अपने पहले प्रयास में आईपीएस और दूसरे प्रयास में आईएएस बनने में सफल रही हैं। इस लेख के माध्यम से हम दिव्या तंवर की कहानी जानेंगे।
दिव्या तंवर का परिचय
दिव्यन तंवर मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एक सरकारी स्कूल से शुरू की और फिर जवाहर नवोदय विद्यालय से विज्ञान विषयों के साथ अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर स्नातक की उपाधि प्राप्त की। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, ऐसे में उन्हें यहां तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
2011 में पिता का साया उठ गया था
दिव्यन तंवर जब छोटे थे तो साल 2011 में उनके पिता की आंखों की रोशनी चली गई। ऐसे में परिवार पूरी तरह से टूट गया। वहीं परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था, लेकिन उनकी मां बबीता ने मुश्किलों को पीछे छोड़कर दिव्यन की पढ़ाई पर फोकस किया.
बिना कोचिंग के पहले प्रयास में आई.पी.एस
दिव्या ने ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की और इसके लिए उन्होंने कोई कोचिंग संस्थान ज्वाइन नहीं किया। उसने कड़ी मेहनत की और प्रीलिम्स परीक्षा पास की, जिसके बाद उसने अपनी तैयारी को मजबूत करने के लिए कुछ टेस्ट सीरीज ज्वाइन की। इसके साथ ही वह विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाई करती रही। उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही सिविल सर्विस क्रैक कर ली, जिसके बाद उनका चयन आईपीएस सर्विस के लिए हो गया।
दूसरे प्रयास में बने आईएएस
दिव्या तंवर ने पहले प्रयास में सफलता मिलने के बाद भी खुद को नहीं रोका, बल्कि तैयारी में लगी रहीं। उन्होंने दूसरे प्रयास के लिए खुद को तैयार किया और इस दौरान मेंटरशिप प्रोग्राम के जरिए अपनी तैयारी को और तेज करने की कोशिश की। इस बार भी उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू क्लियर किया, जब रिजल्ट जारी हुआ तो उन्होंने 105 रैंक के साथ परीक्षा पास की, जिसके बाद उन्हें आईएएस सेवा मिली।