कठिनतम परीक्षाओं में शुमार UPSC परीक्षा को पास करने के लिए अभ्यर्थी दिन रात मेहनत करते हैं. एक उम्मीदवार के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों या यूं कहें कि एक सपने को पूरा करने जैसा है इस परीक्षा को पास कर पाना. फिर इस परीक्षा को पास करके आईएएस अधिकारी बनने की एक पूरी प्रक्रिया होता है. ये वो अफसर होते हैं जिनके पास देश की सेवा करने और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने का एक शानदार अवसर होता है. एक अभ्यर्थी के आईएएस या आईपीएस बनने की ट्रेनिंग के बारे में क्या आपको पता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि 180 आईएएस अफसर कैसे और कहां ट्रेनिंग ले रहे हैं.
यूपीएससी परीक्षा में शॉर्टलिस्ट किए गए 180 आईएएस उम्मीदवारों को अधिकारी प्रशिक्षु (ओटी) कहा जाता है. इन सभी प्रशिक्षु अफसरों को आईएएस अधिकारी के रूप में निखारा जाता है. यहां से ट्रेनिंग पूरी करके वो मुख्य क्षेत्र में कदम रखकर अपने संबंधित कैडर में सेवाएं देने के लिए तैयार होते हैं. यहां सीखने की पूरी प्रक्रिया के दौरान उनके समग्र व्यक्तित्व विकास और तकनीकी अपस्किलिंग भी की जाती है.
सभी शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को उत्तराखंड के मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में चार महीने का फाउंडेशन कोर्स पूरा करना होता है. फिर इस कोर्स के पूरा होने के बाद, प्रशिक्षु अफसरों को उनके कैडर के आधार सेवाओं के अनुसार विभाजित किया जाता है. यहां से उन्हें प्रशिक्षण के लिए निर्धारित स्थानों पर भेजा जाता है. IAS अधिकारियों के लिए यह प्रशिक्षण LBSNAA में आयोजित किया जाता है जिसमें भारत दर्शन (भारत का दौरा) से लेकर जिला प्रशिक्षण शामिल है. इस जिला प्रशिक्षण में उन्हें जिला स्तर पर अपनी जिम्मेदारियों के लिए तैयार किया जाता है.
नव चयनित 180 आईएएस अधिकारियों के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में पूरा व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम कराया जाता है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को इस तरह और पैटर्न में डिजाइन किया गया है कि यह आईएएस अधिकारियों को प्रशासक के रूप में अपनी भूमिका को कुशलतापूर्वक निभाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करने में मदद करता है.
LBSNAA में अपने प्रशिक्षण के दौरान, भावी आईएएस अफसर भारतीय संविधान, सार्वजनिक नीति, शासन, प्रशासनिक कानून और प्रबंधन जैसे विषयों पर विभिन्न व्याख्यानों और कार्यशालाओं में भाग लेते हैं. वे सार्वजनिक मामलों के प्रबंधन में व्यावहारिक अनुभव हासिल करने के लिए क्षेत्र यात्राओं, समूह चर्चाओं, केस स्टडीज और सिमुलेशन में भी भाग लेते हैं.
अकादमिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण के अलावा LBSNAA के ट्रेनिंग प्रोग्राम में आईएएस अधिकारियों के समग्र व्यक्तित्व, संचार कौशल और नेतृत्व गुणों का विकास करना भी शामिल है. इसीलिए अधिकारियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेल और सामुदायिक सेवा जैसी विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया जाता है ताकि उनमें सौहार्द और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पैदा हो सके.
LBSNAA में शिक्षण सुविधाओं के साथ साथ प्रशिक्षुओं के लिए रहने की जगह, एक स्पोर्ट्स ग्राउंड, एक लाइब्रेरी, एक औषधालय, आईटी सेवाएं, एक अधिकारी मेस और इंटरनेट सेवाएं आदि मिलती हैं. LBSNAA में नवनिर्मित आधारशिला और ज्ञानशिला भवनों में संकाय और कर्मचारी कार्यालय, व्याख्यान कक्ष, और कंप्यूटर कक्ष हैं. वहीं यहां का संपूर्णानंद सभागार सबसे बड़ा सेंट्रल हॉल है जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों और दूसरे आयोजनों की मेजबानी करता है. इसके अलावा इंदिरा भवन परिसर जो मुख्य परिसर से लगभग 1 किमी दूर है, का उपयोग अल्पकालिक कार्यक्रमों के लिए किया जाता है.
यह एकेडमी आवश्यकता के आधार पर अलग-अलग रैंक के अलावा डिफरेंटली एबल्ड प्रशिक्षुओं को उनकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को करने में मदद करने के लिए एक सहायक भी आवंटित करती है. कुल मिलाकर, LBSNAA में फाउंडेशन कोर्स का उद्देश्य आईएएस अधिकारियों को मजबूत और कुशल प्रशासक बनने के लिए तैयार करना है, जो देश भर में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार की पहल का नेतृत्व और प्रबंधन कर सकते हैं.
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