इजरायल और हमास के युद्ध के चलते पूरी दुनिया इजरायल और यहूदियों के बारे में जानना चाहती है. लोग इनसे जुड़ी हर चीज के बारे में इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं. कोई यहूदी धर्म के बारे में जानना चाहता है, तो कोई ये जानना चाहता है कि इनके यहां शादी कैसे होती है. यही वजह है कि आज हम आपको इजरायल के झंडे पर बने उसे नीले सितारे की कहानी बताएंगे जो यहूदियों के लिए बेहद पवित्र है और इससे उनका इतिहास जुड़ा है.
इज़राइल का ध्वज एक सफेद पृष्ठभूमि पर दो समान चौड़ाई के नीले क्षैतिज धारियों से बना है, जिसमें केंद्र में एक छह-नुकीला नीला तारा है। यह ध्वज 28 अक्टूबर, 1948 को इज़राइल की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद आधिकारिक रूप से अपनाया गया था।
नीले रंग का अर्थ
ध्वज पर नीले रंग का कई तरह से अर्थ लगाया जा सकता है। एक व्याख्या यह है कि यह इज़राइल के आकाश और सागर को दर्शाता है। एक अन्य व्याख्या यह है कि यह यहूदी धर्म में पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
छह-नुकीले तारे का अर्थ
ध्वज पर छह-नुकीला तारा, जिसे मेघदला या डेविड का तारा भी कहा जाता है, यहूदी धर्म का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह तारा पहली बार 14 वीं शताब्दी में दिखाई दिया था, और यह जल्द ही यहूदी समुदायों के लिए एक आम प्रतीक बन गया।
तारे का इतिहास
छह-नुकीले तारे का सबसे पहला ज्ञात संदर्भ 1354 में एक टोरा रोल में मिलता है। उस समय, तारा यहूदी धर्म के लिए एक प्रतीक नहीं था, बल्कि यह एक जादू या ज्योतिषीय प्रतीक था।
तारे को यहूदी धर्म का प्रतीक बनाने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति शायद स्पेन के रैबिन, इसहाक लियोन था। लियोन ने 1385 में एक पुस्तक प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि तारा भगवान के छह गुणों का प्रतिनिधित्व करता है: शक्ति, बुद्धि, दया, न्याय, करुणा और सत्य।
तारे का अर्थ इज़राइल के लिए
इज़राइल के लिए, छह-नुकीला तारा यहूदी लोगों की एकता और स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह तारा यह भी याद दिलाता है कि इज़राइल एक यहूदी राज्य है, जो यहूदी धर्म और संस्कृति का घर है।
निष्कर्ष
इज़राइल के ध्वज पर नीले रंग और छह-नुकीले तारे का यहूदी धर्म और इज़राइल के इतिहास में गहरा अर्थ है। ये प्रतीक इज़राइल की पहचान और मूल्यों को व्यक्त करते हैं।