Bank Account Open: आज के दौर में लोगों के पास वित्तीय लेनदेन करने के लिए बैंक अकाउंट होना काफी जरूरी है. बैंक अकाउंट वित्तीय लेनदेन को जहां आसान बना देता है तो वहीं लोगों की जमा पूंजी को भी सुरक्षित रखता है. लोगों के पास बैंक अकाउंट होना काफी जरूरी है. हालांकि बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होते हैं. ऐसे में लोगों को यह जानना काफी जरूरी है कि कोई शख्स कितने बैंक अकाउंट रख सकता है. आइए जानते हैं…
Bank Account Open – बैंक अकाउंट
दरअसल, बैंक कई प्रकार के बैंक अकाउंट मुहैया करवाते हैं. इनमें सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट और ज्वॉइंट अकाउंट शामिल होता है. सेविंग अकाउंट लोगों का मुख्य खाता होता है, इसमें आमतौर पर लोग सेविंग के लिहाज से खाता खुलवाते हैं और ज्यादातर लोगों का यही खाता प्राथमिक बैंक खाता होता है. इस खाते में ब्याज भी मिलता है.
बैंकिंग – Bank
वहीं करंट अकाउंट वो लोग खुलवाते हैं, जो बिजनेस करते हैं और उनका लेनदेन काफी ज्यादा रहता है. इसके अलावा सैलरी अकाउंट वो लोग खुलवाते हैं, जिनकी हर महीने सैलरी आती है. इन अकाउंट के भी कई अलग-अलग फायदे होते हैं और रेगुलर सैलरी आने पर इसमें मिनिमम बैलेंस रखना भी जरूरी नहीं होता. यह अस्थायी खाता भी हो सकता है जिसे आप अपनी नौकरी बदलते समय बंद करने पर विचार कर सकते हैं.
बैंक अकाउंट की संख्या
वहीं ज्वॉइंट अकाउंट पति-पत्नी के बीच का एक संयुक्त खाता हो सकता है. इस अकाउंट के भी अपने अलग फायदे होते हैं. वहीं भारत में कोई शख्स अपने कितने बैंक अकाउंट रख सकता है इसकी कोई सीमा तय नहीं है. लोग एक से ज्यादा अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग बैंक अकाउंट रख सकते हैं.
नेट बैंकिंग – Net Banking
Net Banking: हालांकि वित्तीय विशेषज्ञों की मानें तो तीन से ज्यादा सेविंग अकाउंट खोलने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि फिर इन खातों को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है. इन खातों में न्यूनतम शेष राशि होना भी जरूरी होता है. वहीं कुछ समय के लिए अगर इन सेविंग अकाउंट में कोई गतिविधि नहीं होती है तो बैंक खाते को निष्क्रिय भी किया जा सकता है. ऐसे में अपनी जरूरतों के हिसाब से बैंक अकाउंट की सीमा तय करना चाहिए, वहीं सरकार की ओर से भी बैंक अकाउंट की संख्या निर्धारित करने को लेकर कोई अलग से नियम नहीं है.